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न्यू ज़ीलैंड में बड़े होने के बारे में

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना क्या है?


न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना एक बहुत ही विशेष अध्ययन है जो 2009 और 2010 में पैदा हुए 6,000 से भी अधिक कीवी बच्चों के जीवन का अनुसरण करता है। हमारी योजना अपने बच्चों के वयस्क बनने तक उनका और उनके परिवारों का अनुसरण करना है।

इसे “अनुदैर्ध्य“ (“longitudinal”) अध्ययन कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि समय-समय पर अध्ययनकर्ता यह पता लगाने के लिए हरेक दो या तीन वर्षों में बच्चों से जानकारी एकत्र करते हैं कि उनका whanau; पर्यावरण; स्वास्थ्य; शिक्षा; और अन्य बातें उनके विकास और जीवन के परिणामों को कैसे प्रभावित कर रही हैं।

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना का निधीकरण और संचालन कौन करता है?

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन का संचालन ऑकलैंड विश्वविद्यालय करता है और इसका निधीकरण सरकार द्वारा किया जाता है।


यह अध्ययन क्या करने की उम्मीद रखता है?

अध्ययन के शोध का उद्देश्य ऐसी जानकारी प्रदान करना है जिसका उपयोग सरकार, नीति निर्माताओं और उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जो बच्चों और परिवारों के साथ काम करते हैं, ताकि न्यू ज़ीलैंड को Aotearoa-न्यू ज़ीलैंड में सभी बच्चों के लिए एक बेहतर जगह बनाने में मदद मिल सके।

हमारे कुछ अध्ययनों का उपयोग वेतनीय मातृत्व-पैतृत्व अवकाश; टीकाकरण; te reo Māori का उपयोग; और घरेलू सुरक्षा के लिए नीति के विकास के उद्देश्य से किया गया है।

आपको हमारे कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्षों के बारे में और अधिक जानकारी यहाँ से मिल सकती है।


यह अध्ययन अनन्य क्यों है?

हमारे 6,000 बच्चे, या समूह, न्यू ज़ीलैंड की जनसँख्या का प्रतिबिंब हैं। हमने अपनी जनसँख्या की प्रजातीय संरचना का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक प्रयास किया है।

आठ वर्ष की आयु में 22% बच्चों ने माओरी; 15% ने पैसिफिक; 12% ने एशियाई; और 57% ने यूरोपीय न्यू ज़ीलैंडवासी के रूप में अपनी पहचान की; और कई बच्चों ने एक से अधिक प्रजातियों से संबंधित होने के रूप में अपनी पहचान की।

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना इसलिए भी विशेष है क्योंकि हम अपने बच्चों के जन्म से पहले ही उनका अनुसरण करते आ रहे हैं। इसका अर्थ है कि हमारे पास इस बारे में काफी जानकारी उपलब्ध है कि गर्भावस्था और जीवन के पहले महत्वपूर्ण 1,000 दिनों से भविष्य में स्वास्थ्य और विकास कैसे प्रभावित होता है।

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन को आपकी आवश्यकता क्यों है?

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन के लिए हरेक बच्चा और हरेक परिवार महत्वपूर्ण है।

जीवन में हरेक व्यक्ति अलग-अलग मार्ग का अनुसरण करता है और उसे अलग-अलग अनुभव होते हैं। अनुदैर्ध्य अध्ययनों का ध्यान यह समझने पर केंद्रित होता है कि अलग-अलग अनुभव भविष्य में परिणामों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

हम आपमें से हरेक की ओर से सुनना चाहते हैं, ताकि हम इस बारे में और अधिक जान सकें कि आपको किन बातों से पनपने और फलने-फूलने में सहायता मिली है, और कौन सी बातें चुनौतीपूर्ण व कठिन रही हैं। इससे हमें निर्णयकर्ताओं को यह बताने में सहायता मिलेगी कि हमारे बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किस तरह की बातें कारगर होती हैं।

न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन से एशियाई परिवारों के बारे में क्या जानकारी मिली है?

  • न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन में काफी बड़ी सँख्या में माओरी, पैसिफिक और एशियाई परिवार शामिल हैं। आठ वर्ष की आयु में:
  • 12% ने माओरी के रूप में अपनी पहचान की
  • 5% ने भारतीय के रूप में अपनी पहचान की
  • 4% ने चीनी के रूप में अपनी पहचान की।
  • हमारे एशियाई विषय की देखरेख करने के लिए हमारी एक विशिष्ट शोधकर्ता उपस्थित हैं: बाल रोग विशेषज्ञा डॉ. रेनी लियांग। रेनी की अभिरुचि के क्षेत्र बाल और किशोर स्वास्थ्य हैं, लेकिन वे एशियाई समुदायों के साथ मजबूत संबंध रखने वाली एक कवयित्री, नाटककार और लेखिका भी हैं।
  • अधिकांश एशियाई मूल की माताओं और उनके सहजीवियों का जन्म (दोनों मामलों में 94%) न्यू ज़ीलैंड के बाहर हुआ था और वे वयस्क होने पर न्यू ज़ीलैंड आए।
  • एशियाई मूल की माताएँ अपने बच्चों के शिशुकाल के दौरान प्रमुख शिशु देखभाल प्रदाता के रूप में अक्सर उनके दादा-दादी या नाना-नानी का उपयोग करती थीं। नौ महीनों की आयु पर प्रति सप्ताह आठ घंटे या इससे अधिक समय के लिए नियमित रूप से चाइल्डकैअर का उपयोग करने वाली माताओं में से 61% माताओं ने दादा-दादी या नाना-नानी का उपयोग किया था।
  • नौ महीनों की आयु के बच्चों में से जिन बच्चों की माताओं ने एशियाई मूल से अपनी पहचान की थी, उनमें टीकाकरण की दरें सबसे ऊँची थी तथा प्रत्येक रोग-प्रतिरक्षण क्षमता अंक में 95% कवरेज थी।
  • एशियाई मूल की माताओं के बच्चों के लिए जन्म और नौ महीनों की आयु के बीच के आरंभिक वर्षों में एक ही घर में रहने की संभावना (78%) अधिक थी।
  • आठ वर्ष की आयु में एशियाई मूल के बच्चों के लिए हरेक दिन अपने परिवार के साथ बैठकर भोजन साझा करने की संभावना सबसे अधिक थी: लगभग दो-तिहाई परिवारों ने ऐसा करने के बारे में बताया।
  • आठ वर्ष की आयु में एक-चौथाई से भी अधिक एशियाई मूल के बच्चे अपने विस्तारित परिवार के साथ रहते थे।
  • आठ वर्ष के एशियाई मूल के बच्चों में से आधे से भी अधिक बच्चे (55%) दो या इससे अधिक भाषाएँ बोलने में सक्षम हैं।
  • एशियाई मूल के बच्चों की लगभग सभी माताओं (99%) ने अपने बच्चों के साथ उनकी जातीयता या संस्कृति के बारे में चर्चा करने के बारे में बताया, और लगभग एक तिहाई (30%) माताओं ने आठ वर्ष की आयु में ऐसा अक्सर करने के बारे में बताया।

۞ सभी आंकड़े न्यू ज़ीलैंड में बड़े होना अध्ययन की Now We Are रिपोर्टों से लिए गए हैं।